उच्च न्यायालय के आदेश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच जारी

जबलपुर :गुरूवार,16 मार्च 2023 मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है। पूर्व विधायक किशोर समरीते ने  मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दीपक आर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए थे। आपको बता दे कि दीपक आर्य वर्तमान में सागर के कलेक्टर हैं। उच्च न्यायालय ने आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के आदेश सरकार को दिए थे। अब संभागायुक्त जबलपुर बी चंद्रशेखर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी ने दीपक आर्य के खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी है
गौरतलब है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बालाघाट जिले के तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य पर कस्टम मिलिंग व चावल के अवैध कारोबारियों, कान्हा स्थित रिसोर्ट संचालकों, रेत ठेकेदारों, कंस्ट्रक्शन कंपनी से रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट खुद व परिजनों के नाम पर लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने केन्द्र सरकार से शिकायत की थी। केन्द्र सरकार ने शिकायत पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया था। राज्य सरकार ने जांच बालाघाट कलेक्टर को सौंप दी थी। तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य ने खुद पर लगे आरोपों की स्वयं जांच करते हुए क्लीन चिट प्रदान कर दी थी। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा खुद की जांच किए जाने के खिलाफ पूर्व विधायक ने केन्द्र सरकार से शिकायत की थी। केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को कार्रवाई करने निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव द्वारा शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण पूर्व विधायक नेउच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। 


उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जांच में टालमटोल


उच्च न्यायालय ने जनवरी 2022 को अपने आदेश में कहा था कि नियमानुसार जिस अधिकारी पर आरोप लगे हैं, उसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए शिकायत की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे। शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी पर तथा गलत पाए जाने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई के आदेश भी उच्च न्यायालय ने पारित किए थे।
उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित नहीं किए जाने के कारण पूर्व विधायक ने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग तथा राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद सरकार ने आरोपों की जांच के लिए संभागायुक्त जबलपुर बी चंद्रशेखर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है। पूर्व विधायक किशोर समरिते ने बताया कि कमेटी ने गत दिवस उनके बयान दर्ज किए हैं।

 
 
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