-अरुण द्विवेदी
भोपाल। गुरुवार,10 मार्च 2022 वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। टोटल अनुमानित बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपए का है। बजट देखने के बाद आचार्य चार्वाक का श्लोक याद आता है - ‘यवज्जीवेत्, सुखम् जीवेत। ऋणम् क्रित्वा, घृतम् पिबेत्।। भस्मिभूतस्य देहस्य, पुनार्गमनम् कुत:?’ अर्थात जब तक जियो, मौज करो, कर्ज लेकर भी घी पियो। मरने के बाद क्या है?
बजट के जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के लिए मिशन-2023 को देखते हुए ये बजट पेश किया गया है। सरकार बनवानें वाले सिंधिया समर्थक मंत्रियों को ज्यादा व मूल भाजपा विचारधारा वाले मंत्रियों को कम बजट अलॉट किया गया है।
सरकार का पूरा फोकस अगले चुनाव पर है । आने वाले पंचायत चुनाव और फिर अगले साल के विधानसभा चुनावों को देखते हुए बजट बनाया गया। सरकार सबसे पहले पंचायतों को साधना चाहती है। पंचायत चुनाव से ठीक पहले ग्रामीण विकास विभाग का बजट 75% तक बढ़ा दिया है। सरकार की नजरें पंचायत चुनाव पर है लेकिन निशाना विधानसभा चुनाव हैं।
पहले से ही भारी भरकम कर्ज तले दबी सरकार और कर्ज ले सके, इस हिसाब से आंकड़े तैयार किये गए हैं। मौजूदा टैक्स कलेक्शन से कुछ भी नहीं होने वाला है। सरकार पर कर्ज का बोझ और बढ़ना ही है। इस बार 37 हजार करोड़ से अधिक के बजट की बढ़ोतरी हुई है। इसी बढ़े हुए आंकड़े को आधार बनाकर नया कर्ज लेने का रास्ता तैयार किया गया है।