गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच नवसारी में मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद जिग्नेश ने कहा कि उनकी 17 मांगों पर राहुल के साथ चर्चा हुई और राहुल ने उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का आश्वासन दिया है। जिग्नेश ने कहा कि जब हमने राहुल से अपनी मांगों के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि इसमें 90 प्रतिशत बातें मांगें नहीं, बल्कि हमारा संवैधानिक अधिकार है। इसे घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि राहुल गांधी और बीजेपी की सोच में अंतर है। बीजेपी तो उनकी बात सुनती ही नहीं है। राहुल से मुलाकात से पहले जिग्नेश ने बीजेपी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता बीजेपी से छुटकारा चाहती है। साथ ही जिग्नेश ने कहा कि अगर कांग्रेस उनकी मांगें मान लेती है, तो वे बाहर से समर्थन देने को तैयार हो सकते हैं। दरअसल राहुल गांधी दक्षिण गुजरात के दौरे पर हैं, ऐसे में जिग्नेश ने कहा था कि बीजेपी पाटीदारों को कई बार बातचीत के लिए बुला चुकी है, लेकिन दलितों के साथ राजनीतिक छुआछूत की भावना रखी जा रही है क्योंकि दलितों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया। जिग्नेश ने बताया कि कांग्रेस की ओर से भी उन्हें अब तक बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया था, लेकिन दलितों की 17 मांगें कांग्रेस के समक्ष रखी जा चुकी हैं। जिग्नेश और राहुल की मुलाकात कांग्रेस के रोड शो के दौरान नवसारी में होगी। दलितों के नेता जिग्नेश मेवाणी का साफ कहना है कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन अगर कांग्रेस ने उनकी बात मान ली, तो वे कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे सकते हैं।
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