बेकसूर

मध्य प्रदेश के बुहरानपुर के मोहद गांव में हुई घटना कोई नई नहीं है। पुलिस को झूठे प्रकरण बनाने की महीरथ हाशिल है।आप अगर इस बात की तहकीकात करे तो चौकाने वाले तथ्य सामने आएंगे । आपको बहुत सारे बेकसूर न्यायालयों के चाकर लगते, बहुत सारे फरारी काटते और बहुत सारे जेल के सींकचों के अंदर जलीलत की जिंदगी गुजारते नजर आएंगे। यदि आपके पास पैसा है या सत्ता के आस -पास हैं या किसी पुलिसवाले से दोस्ती है,तो आप किसी के भी खिलाफ कोई भी प्रकरण कही भी दर्ज करा सकते हैं। कुछ में तो पुलिस तत्काल गिफ्तार भी कर लेगी, पैसा ले कर जमानत भी दे देगी,चालान कोर्ट में पेश कर देगी। अब आप कोर्ट में प्रमाणित करते रहिये कि आप बेकसूर हैं। इसके लिए भी आपको कई जन्म लेने पड़ेगे,समाज के सामने अपने आपको निर्दोष साबित करने के लिए। हां! कुछ प्रकरणों में फरार दिखाती रहेगी,और आपसे पैसा लेती रहेगी। ऐसा नहीं की सभी पुलिस वाले ऐसे ही होते हैं,वहा आपको ईमानदार भी मिलेंगे। लेकिन वे भीष्म प्रतीज्ञा से बंधे हुए होते हैं।उनकी मजबूरी है धृतराष्ट्र की कुर्सी के साथ बधे रहने की।खैर इन सब बातों को छोड़िये आइये बुहरानपुर के मोहद गांव में हुई घटना पर एक सर-सरी नजर डाले - मध्यप्रदेश की पुलिस ने बुरहानपुर में मोहाद के 15 युवकों पर पहले देशद्रोह का मामला दर्ज किया, दो दिन बाद सबूतों के अभाव में उसे हटा दिया। अब पुलिस ने जिस शिकायतकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज करने का दावा किया है वह खुद कह रहा है कि उसने ऐसी कोई शिकायत नहीं की। यहां तक कि वह उस दिन गांव में मौजूद भी नहीं था।बुरहानपुर पुलिस ने मामले में सुभाष कोली को मुख्य शिकायतकर्ता बनाया है लेकिन कोली ने कहा उन्हें जबरन गवाह बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया था। वह एक पड़ोसी की मदद करने के लिए थाने गए थे जिसे नारे लगाने के आरोप में पुलिस ले गई थी। अगले दिन वह थाने में था इसलिए पुलिस ने उसे ही गवाह बना दिया। कोली ने कहा उस दिन नारे लगे लेकिन ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे।सुभाष कोली का पेशा डिश एंटीना ठीक करना है। उनकी शिकायत है पुलिस ने उनसे गलत बयान लेकर उनके गांव मोहाग के 15 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया, जबकि वह उस दिन गांव में मौजूद तक नहीं था। कोली ने बाकायदा अब कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि पुलिस ने 15 युवकों के खिलाफ झूठा केस गढ़ा है।जबकि शाहपुर थाने के प्रभारी संजय पाठक ने पहले कहा था “सुभाष कोली ने सोमवार को गांव में पाक की जीत पर देश विरोधी नारे लगाने की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ धारा 120बी (साजिश) और 124ए (देश विरोधी गतिविधि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।’’पुलिस अब कह रही है कि उसे कोली के दावों के बारे में नहीं पता अगर औपचारिक शिकायत आई तो वे जांच करेंगे। एसपी आरआरएस परिहार ने कहा हमारे पास जो सूचना है, जब पुलिस वहां पहुंची उस वक्त भी आरोपी पटाखे फोड़ रहे थे। उन्हें रंगे हाथ पकड़ा है।  जिसने पहली सूचना दी वह फरियादी है। अगर कुछ तथ्य आगे मिले तो हम जांच कराएंगे।गौरतलब है कि 20 जून को बुराहनपुर पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया था। चैपिंयंस ट्रॉफी में भारत की हार पर पटाखे फोड़ने, देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में उन पर 124 ए के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और दो दिन बाद उसे 153 ए में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में बदल दिया। फ़िलहाल तथाकथित आरोपियों को जमानत मिल गई है। अब उन्हें कोर्ट के चक्कर काटने,और जिस काम को किया ही नहीं उसमे अपने-आपको बेकसूर साबित करने का काम मिल गया है। 

 
 
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