मंदसौर में किसान आंदोलन पर सरकार की बर्बर कार्रवाई ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। सरकार कि इस क्रूरतम कार्रवाई से आक्रोशित किसान आंदोलन की आग से आज पूरा प्रदेश जल रहा है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी कई बसों में तोड़ -फोड़ एवं बैट्री से लदे ट्रक को जला दिया गया। किसानों की जायज मांग पर राजनीति हाबी हो गई। किसान पुत्र के नाम पर सत्ता पर बैठे सीएम शिवराज सिंह चौहान किसान हितैषी का तमगा बचाने,पहले 5 लाख फिर 10 लाख फिर एक करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा कर दी।मुआवजे के अलावा मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। मध्यप्रदेश के इतिहास में यह सबसे बड़ा मुआवजा है। पूरे प्रदेश में चर्चा है कि इस मुआवजे के जरिए शिवराज सिंह चौहान खुद को मिले किसान हितैषी मुख्यमंत्री का तमगा बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जब इस पर भी बात नहीं बनी तो बाबा गाँधी का अस्त्र उपवास का सहारा वे भी कुलर पंखे वाटरप्रूफ पंडाल पर। यदि ईमानदारी से बाबा गाँधी के अस्त्र का सहारा लेना ही था तो गांधी के ही रास्ते से।अधकचरा रास्ता चलने से क्या फायदा। पता नहीं इस नाजुक दौर में आपको कौन होशियार सलाह दे रहा है ? अभी भी समय है इन प्रशासनिक चमचों और चाटुकार मीडिया के गमछों से अपने आपको मुक्त करों। क्योंकि बाबा तुलसी ने कहा है सचिव बैद गुरु तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस।राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास।। मंत्री, वैद्य और गुरु ये तीन यदि भय या लाभ की आशा से (हित की बात न कहकर) प्रिय बोलते हैं, तो राज्य,शरीर और धर्म इन तीन का शीघ्र ही नाश हो जाता है। इसलिए इन तीनों में से कोई भी आप से मीठा बोले तो तुरंत सर्तक हो जाएं और अपने विवेक से सही और गलत का निर्णय लें। अंधाविश्वास न करें। आप शिवराज हैं शिवराज ! किसान पुत्र शिवराज। सीना तान कर किसानों के पास जाओं और कहो आपकी मांग जायज है। आपका किसान पुत्र शिवराज आपके पास आया है।आपकी मांगों का समर्थन करने।और सीएम शिवराज आपकी मांग को स्वीकार करता है। दुनिया को बता दो ,शिवराज के अंदर साहस और ईमानदारी है।शिवराज आपका ये अस्त्र राजनीति के सारे षड्यंत्रों को नष्ट करने में सक्षम है।यदि इसमें चूक की तो आपका उपवास कही उपहास न बन जाय।
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